Chapter 3 : नफरत की महत्वपूर्ण परिभाषा
अध्याय 3: नफरत की महत्वपूर्ण परिभाषा
प्रीति जोशी, विभाजन के तलाशी अभियोजक, विचारों में डूबी हुई थी। उसे अद्भुत तरीके से समझ नहीं आ रहा था कि आदिया अग्रवाल के मन में नफरत की इतनी गहराई क्यों है। वह हर दिन उसके मामले पर काम करने के बावजूद उसके सामने अनसुलझे राज से जूझ रही थी।
एक दिन, प्रीति को आदिया के मामले की अधिक जानकारी के लिए उसके घर जाने का फैसला किया गया। उसे वहां उसके परिवार से मिलने का और उनके साथ बिताए गए समय का एहसास होगा। इससे प्रीति को उसके नफरत के पिछे के कारण का खुलासा हो सकता था।
वह उसके घर पहुंची, जो एक छोटे से और सादगी से भरे हुए थे। उसके माँ हेमलता वहां उसका स्वागत करने के लिए खड़ी थीं। वह एक अनूठे संयम और अनंत प्रेम की माँ थीं।
प्रीति ने हेमलता से आदिया के मामले की विशेषता और उसकी नफरत के पिछे के कारण पूछा। हेमलता ने धीरे से कहा, "बेटा, मैं भी अपने बेटे के इस रूप से बदले में भविष्य के अच्छे लिए चिंतित हूँ। उसके पिता का निधन होने के बाद, उसे एक खालीपन महसूस हुआ और उसने नफरत की इस दुनिया में खुद को समझदार और कमजोर महसूस करने लगा। उसके मन में सभी के प्रति एक समान नफरत का भाव उभरा था।"
प्रीति ने ध्यान से सुना और उसे लगा कि हेमलता की इस बात से शायद किसी गहरे दर्द का संकेत हो सकता है। उसने वहां कुछ समय बिताया, हेमलता के साथ बातचीत करते हुए। हेमलता ने अपने दिल की बातें प्रीति से साझा कीं और उसे उसके साथी के बारे में अधिक जानने के लिए प्रेरित किया।
![]() |
Story |
वीर ने अपने सपने के पीछे की पूरी कहानी प्रीति से साझा की। उसके मन में उस अस्पताल का निर्माण होने के लिए एक अच्छी वित्तीय समर्थन की ज़रूरत थी। वह बताता था, "मुझे अपने पिता के स्वास्थ्य सम्बन्धी असुविधाओं की वजह से उसका नुकसान हुआ था। मैंने नए और बेहतर अस्पताल की सेवाएं गाँव के लोगों के लिए उपलब्ध कराने का निश्चय किया है।"
प्रीति को यह सुनकर वीर के सपने की महत्वपूर्णता का अहसास हो गया। उसे उसके साथी के मन में नफरत के पिछे के कारणों की समझ आई। वह समझ गई कि आदिया को उसकी नफरत की इस दुनिया में उसकी प्रतिज्ञा और सपने का सम्मान करने की ज़रूरत थी।
प्रीति के मन में एक नया उत्साह उबरा था। वह अब नफरत की महत्वपूर्णता के पीछे के रहस्य को हल करने के लिए तैयार थी। उसे पता था कि वीर की सहायता से इस महत्वपूर्ण मिशन को सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंचाना होगा।
इस नए दौरे में प्रीति और वीर एक साथ मिलकर लोगों के मन में नफरत और प्रेम के बीच एक समझदारी की किरण दिखाने के लिए उत्साहित थे। उनकी दृढता और सामर्थ्य ने लोगों की नजरें बदल दी थी। उनके इस नोबल कार्य के जरिए वे दिखा रहे थे कि नफरत को परास्त करने में प्रेम की शक्ति होती है और उसकी माहिराता से ही हम विश्वास और समर्थन पा सकते हैं।वीर का सपना अच्छा-सा अस्पताल गाँव को देने का वह अभियान शुरू हो गया। उसने अपने पिता के साथ मिलकर गाँव के लोगों की सहायता से एक छोटा सा स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किया। इससे पहले जब बीमारी होती थी, तो लोग दूर-दूर शहर जाकर उपचार के लिए जाना पड़ता था, लेकिन अब वह सेवा उनके पास आ गई थी।
अस्पताल के शुरू होने से सारे गाँव में वीर की ख्वाहिश के साथ साथ उसकी प्रतिज्ञा का भी पता चल गया था। उसके साहसी कदमों ने लोगों के दिलों को छू लिया था। लोग उसे सम्मान और आदर से देखने लगे थे। उसकी मेहनत और समर्पण से, उस
No comments